लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, https://milozdcfp.jasperwiki.com/6185855/rumored_buzz_on_shiv_chalisa_lyrics_in_hindi