तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं? चौघडियाँ शुभ होरा विवाह मुहूर्त गृह https://stevee196wbf0.blogsumer.com/32062808/5-simple-techniques-for-hanuman