आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ • It also highlights his capability to deliver existence-conserving cures even in the most challenging circumstances. नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ उठु उठु चलु तोहि https://rylanfpzjr.eedblog.com/32865378/rumored-buzz-on-hanuman-aarti