माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़। Why are you remaining https://yeepdirectory.com/listings13373607/5-essential-elements-for-vashikaran-without-yantra